भौतिक विज्ञान
मापन / मात्रक / मूल राशियां और पूरक राशियां / M.K.S / C.G.S / S.I पद्धिति⚖️⚖️⚖️⚖️⚖️⚖️
मापन⬇️⬇️⬇️⬇️⬇️
विज्ञान में विभिन्न राशियों कों मापने के लिये ,उनके मध्य तुलना कराने के लिये ,तथा उनके मध्य कुछ संक्रियायें कराने के लिये हमें मापन की आवश्यकता होती है।
भौतिक राशि का उसके उपर्युक्त मात्रक से तुलना करके उसका सटीक मान निकालना हि मापन कहलाता है।
वेबसाइट के बारे में:-
आपका इस वेबसाइट पर स्वागत 🙏🙏🙏🙏🙏🙏है इस पोस्ट में आप मापन / मात्रक से संबंधित जानकारी पाएंगे,आपकी जानकारी के लिए बताना चाहूंगा कि purijaankarifree.blogspot.com नए आर्टिकल पोस्ट किए जाते हैं इसलिए आप रोज इस वेबसाइट पर आते रहे हैं जिससे आप कोई भी महत्वपूर्ण टॉपिक ना छूटे
हम इस पोस्ट मापन / मात्रक संबधित लगभग सभी टॉपिक्स को कवर किया गया है जो आपको प्रतियोगिता में अच्छे मार्क्स लाने में मदद करेंगे
अगर आपको कोई भी सुझाव देना चाहते हैं तो आप कमेंट बॉक्स में अपने मैसेज डाल सकते हैं हम आपके मैसेज का रिप्लाई 24 घंटे के में दे देंगे
जारी रखें:-
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अदिश राशियां
अदिश राशियां वें भौतिक राशि होती है जिन्हें व्यक्त करने के लिये केवल परिमाण की आवश्यकता होती है।
जैसे:- समय, चाल, द्रव्यमान, घनत्व, तापमान, कार्य, आयतन, विद्युत धारा आदि।
सदिश राशियाँ⬇️⬇️⬇️⬇️⬇️⬇️
सदिश राशि वे भौतिक राशि होती है जिनकों व्यक्त करने के लिये परिमाण के साथ-साथ दिशा की भी आवश्यकता होती है।
जैसे:- बल, वेग, विस्तापन, त्वरण, संवेग, आवेग, रेखीय संवेग, कोणीय विस्थापन, कोणीय वेग, बल आघूर्ण, चुम्बकीय क्षेत्र प्रेरण, चुम्बकीय क्षेत्र तीव्रता, चुम्बकं तीव्रता, चुम्बकीय आघूर्ण, विद्युत् तीव्रता, ताप प्रवणता, चाल प्रवणता, विद्युत् धारा घनत्व, विद्युत् ध्रुव आघूर्ण, विद्युत् ध्रुवण इत्यादि।
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भौतिक राशियों को मापने के मुख्यत: 4 पद्धितियां है।
जैसे:- बल, वेग, विस्तापन, त्वरण, संवेग, आवेग, रेखीय संवेग, कोणीय विस्थापन, कोणीय वेग, बल आघूर्ण, चुम्बकीय क्षेत्र प्रेरण, चुम्बकीय क्षेत्र तीव्रता, चुम्बकं तीव्रता, चुम्बकीय आघूर्ण, विद्युत् तीव्रता, ताप प्रवणता, चाल प्रवणता, विद्युत् धारा घनत्व, विद्युत् ध्रुव आघूर्ण, विद्युत् ध्रुवण इत्यादि।
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भौतिक राशियों को मापने के मुख्यत: 4 पद्धितियां है।
M.K.S.पद्धिति
1960 ई. में अंतर्राष्ट्रीय माप-तौल के अधिवेशन में SI को स्वीकार किया गया जिसका पूरा नाम de Systeme International d’ Units है| इस पद्धति में सात मूल मात्रक तथा दो सम्पूरक मात्रक हैं|
MKS पद्धिति में लंबाई का मात्रक मीटर, द्रव्यमान का किलोग्राम,तथा समय का सेकण्ड माना जाता है।
C.G.S पद्धिति
इसका पूरा नाम सेन्टीमीटर-ग्राम-सेकण्ड प्रणाली। इस पद्धिति में लंबाई को सेन्टीमीटर में ,द्रव्यमान को किलोग्राम तथा समय को सेकण्ड में व्यक्त किया जाता है। इसके अतिरिक्त इसे फ्रेंच या मीट्रिक पद्धति भी कहा जाता है।
1960 ई. में अंतर्राष्ट्रीय माप-तौल के अधिवेशन में SI को स्वीकार किया गया जिसका पूरा नाम de Systeme International d’ Units है| इस पद्धति में सात मूल मात्रक तथा दो सम्पूरक मात्रक हैं|
MKS पद्धिति में लंबाई का मात्रक मीटर, द्रव्यमान का किलोग्राम,तथा समय का सेकण्ड माना जाता है।
C.G.S पद्धिति
इसका पूरा नाम सेन्टीमीटर-ग्राम-सेकण्ड प्रणाली। इस पद्धिति में लंबाई को सेन्टीमीटर में ,द्रव्यमान को किलोग्राम तथा समय को सेकण्ड में व्यक्त किया जाता है। इसके अतिरिक्त इसे फ्रेंच या मीट्रिक पद्धति भी कहा जाता है।
FPS पद्धिति
इसे फुट-पौण्ड-सेकेण्ड पद्धिति भी कहा जाता है। यह मापन की फ्रांसिसी पद्धिति है। इसमें लंबाई को फुट ,द्रव्यमान को पौण्ड तथा समय को सेकण्ड में व्यक्त किया जाता है❗
इसे फुट-पौण्ड-सेकेण्ड पद्धिति भी कहा जाता है। यह मापन की फ्रांसिसी पद्धिति है। इसमें लंबाई को फुट ,द्रव्यमान को पौण्ड तथा समय को सेकण्ड में व्यक्त किया जाता है❗
SI पद्धिति
यह मापन की अन्तर्राष्ट्रीय पद्धिति है ।1967 में अन्तरार्ष्टिय माप-तौल के महाधिवेशन ,पेरिश मे इस पद्धिति को स्वीकार किया गया। तथा अब यह पूरी दुनिया में प्रचलित ओर मान्यता प्राप्त है। इस पद्धिति मे 7 मूल मात्रक है ओर 2 पूरक मात्रक है❗
मूल राशियां:- भोतिक विज्ञान में सात मूल राशियां है तथा दो पूरक राशियां है । मूल राशियां हम उन्हे कहतें है जो कि स्वतंत्र है ,इन्हे व्यक्त करने के लिये हमें दूसरी राशियों की आवश्यकता नहीं होती है ❗
विभिन्न 7 मूल राशियां और 2 पूरक राशियां कुछ इस प्रकार है।⬇️⬇️⬇️⬇️⬇️⬇️⬇️⬇️⬇️⬇️⬇️⬇️
मूल राशियाँ एवम उनके भौतिक राशि मात्रक संकेत
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मूल राशियां:- भोतिक विज्ञान में सात मूल राशियां है तथा दो पूरक राशियां है । मूल राशियां हम उन्हे कहतें है जो कि स्वतंत्र है ,इन्हे व्यक्त करने के लिये हमें दूसरी राशियों की आवश्यकता नहीं होती है ❗
विभिन्न 7 मूल राशियां और 2 पूरक राशियां कुछ इस प्रकार है।⬇️⬇️⬇️⬇️⬇️⬇️⬇️⬇️⬇️⬇️⬇️⬇️
मूल राशियाँ एवम उनके भौतिक राशि मात्रक संकेत
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- लंबाई मीटर m
- द्रव्यमान किलोग्राम kg
- समय सेकण्ड s
- ताप केल्विन
- विद्युत धारा ऐम्पीयर A
- ज्योति तीव्रता कैण्डेला cd
- पदार्थ की मात्रा मोल mol
- पूरक राशियाँसमतल कोण रेडियन rad(किसी वृत्त की त्रिज्या के बराबर लम्बाई के चाप द्वारा उसके केंद्र पर बनाया गया कोण एक रेडियन होता है| इस मात्रक का प्रयोग समतल पर बने कोणों (plane angles) को मापने के लिए किया जाता है)
घन कोण स्टेरेडियन sr (किसी गोले की सतह पर उसकी त्रिज्या के बराबर भुजा वाले वर्गाकार क्षेत्रफल द्वारा गोले के केंद्र पर बनाए गए घन कोण को 1 स्टेरेडियन कहते हैं| यह ठोस कोणों (solid angles) को मापने का मात्रक है)
- मानक मीटर वह लंबाई है जो फ्रांस के अन्तार्राष्टिय माप एवं बॉट कार्यालय सेवरेस में रखी प्लेटिनम –इरीडियम मिश्रधातु की छड पर दो चिन्हों की दूरी केा एक मीटर लंबाई कहा जाता है।
- विद्युत्-धारा का मूल मात्रक ‘ऐम्पियर’: यदि दो लम्बे और पतले तारों को निर्वात में 1 मीटर की दूरी पर एक-दूसरे के सामानांतर रखा जाए और उनमें ऐसे परिमाण की सामान विद्युत् धारा प्रवाहित की जाए जिससे तारों के बीच प्रति मीटर लम्बाई में 2 x 10-7 न्यूटन का बल लगने लगे तो विद्युत् धारा के उस परिमाण को 1 ऐम्पियर कहा जाता है| इसका प्रतीक A है|
- ज्योति-तीव्रता का मूल मात्रक ‘कैण्डेला’: किसी निश्चित दिशा में किसी प्रकाश स्रोत की ज्योति-तीव्रता 1 कैण्डेला तब कही जाती है, जब यह स्रोत उस दिशा में 540 x 1012 हर्ट्ज़ का तथा 1/ 683 वाट/स्टेरेडियन तीव्रता का एकवर्णीय प्रकाश उत्सर्जित करता है|
- मानक सेकण्ड वह समयान्तराल है जिसमें परमाणु घडीं में सीजियम-133 का परमाणु 9,19,26,31770 बार कंपन करता है।
- मानक द्रव्यमान वह भार है जो बॉट एवं माप के अन्तर्राष्ट्रिय कार्यालय में रखे एक प्लेटिनम-इरीडियम मिश्र धातु बेलन का द्रव्यमान एक किलोग्राम माना गया है
- ताप का मूल मात्रक ‘केल्विन’: जल के त्रिक बिंदु (triple point) के उष्मागतिक ताप के 1/273.16 वें भाग को केल्विन कहते हैं| इसका प्रतीक K होता है|
- परमाणवीय स्केल पर कार्बन-12 के 5.0188 ×10^25 परमाणुओं का द्रव्यमान एक किलोग्राम के बराबर होता है।
- . पदार्थ की मात्रा का मूल मात्रक ‘मोल’: एक मोल, पदार्थ की वह मात्रा है, जिसमें उसके अवयवी तत्वों (परमाणु, अणु,....... आदि) की संख्या 6.023 x 1023 होती है| इस संख्या को ऐवोगाड्रो नियतांक कहते हैं|SI के दो सम्पूरक मात्रक निम्न हैं:
महत्वपूर्ण व्युत्पन्न मात्रक कुछ इस प्रकार है
भोतिक राशि निगमन सूत्र निगमित मात्रक
1 क्षेत्रफल =ल.x चौ. वर्ग मीटर
2 आयतन =ल.×चौ.×ऊ घन मीटर
3 चाल =दूरी/समय मी/से
4 घनत्व= द्रव्यमान/आयतन किलो./ मीटर3
5 त्वरण =वेग परिवर्तन/समय मी./से.2
6 बल =द्रव्यमान×त्वरण न्युटन(बल की C.G.S. पद्ध्यति में मात्रक डाइन है और S.I. पद्ध्यति में मात्रक न्यूटन है.
7 कार्य= बल×बिस्थापन जूल
8 शक्ति =कार्य/समय वॉट
9 आवेग= बल×समय न्युटन से.
10 संवेग =द्रव्यमान×वेग किग्रा मी/ से
11 दाब= बल/क्षेत्रफल न्युटन/मी2
12 बल= आघूर्ण बल×दूरी न्युटन मी
13 प्रतिबल= बल/क्षेत्रफल न्युटन/ मी2
14 प्रत्यास्थता गुणांक = प्रतिबल/विक्रति न्युटन / मी2
15 गुरूत्वाकर्षण नियतांक =(बल× दूरी×दूरी)/(द्रव्यमान×द्रव्यमान) (न्युटन मी2)/किग्रा2
10 की विभिन्न के प्रतीक (symbols for various powers of 10 ): भौतिकी में बहुत छोटी और बहुत बड़ी राशियों के मानों को 10 की घात के रूप में व्यक्त किया जाता है. 10 की कुछ घातों को विशेष नाम तथा संकेत दिए गए है जिसे नीचे दी गई सारणी में दिया गया है:
भोतिक राशि निगमन सूत्र निगमित मात्रक
1 क्षेत्रफल =ल.x चौ. वर्ग मीटर
2 आयतन =ल.×चौ.×ऊ घन मीटर
3 चाल =दूरी/समय मी/से
4 घनत्व= द्रव्यमान/आयतन किलो./ मीटर3
5 त्वरण =वेग परिवर्तन/समय मी./से.2
6 बल =द्रव्यमान×त्वरण न्युटन(बल की C.G.S. पद्ध्यति में मात्रक डाइन है और S.I. पद्ध्यति में मात्रक न्यूटन है.
7 कार्य= बल×बिस्थापन जूल
8 शक्ति =कार्य/समय वॉट
9 आवेग= बल×समय न्युटन से.
10 संवेग =द्रव्यमान×वेग किग्रा मी/ से
11 दाब= बल/क्षेत्रफल न्युटन/मी2
12 बल= आघूर्ण बल×दूरी न्युटन मी
13 प्रतिबल= बल/क्षेत्रफल न्युटन/ मी2
14 प्रत्यास्थता गुणांक = प्रतिबल/विक्रति न्युटन / मी2
15 गुरूत्वाकर्षण नियतांक =(बल× दूरी×दूरी)/(द्रव्यमान×द्रव्यमान) (न्युटन मी2)/किग्रा2
10 की विभिन्न के प्रतीक (symbols for various powers of 10 ): भौतिकी में बहुत छोटी और बहुत बड़ी राशियों के मानों को 10 की घात के रूप में व्यक्त किया जाता है. 10 की कुछ घातों को विशेष नाम तथा संकेत दिए गए है जिसे नीचे दी गई सारणी में दिया गया है:
दस की घात पूर्व प्रत्यय (perfix) प्रतीक (symbol)
10^18 एक्सा (exa) E
10^15 पेटा (peta) P
10^12 टेरा (tera) T
10^9 गीगा (giga) G
10^6 मेगा (mega) M
10^3 किलो (kilo) K
10^2 हेक्टो (hecto) H
10^1 डेका (deca) da
10^-18 एटो (atto) a
10^-15 फेम्टो (femto) F
10^-12 पीको (pico) P
10^-9 नैनो (nano) N
10^-6 माइक्रो (micro) µ
10^-3 मिली (milli) M
10^-2 सेंटी (centi) C
मापन में प्रयुक्त होने वाले लंबाई के मात्रक📏📏📏📏📏⬇️⬇️⬇️⬇️⬇️⬇️⬇️⬇️⬇️⬇️⬇️⬇️⬇️⬇️
1)1 खगोलीय इकाई=1.495×10^11 मीटर
Astronomical Unit (AU)खगोलीय इकाई सूर्य और पृथ्वी के मध्य की औसत दूरी को कहते है।
2)1 प्रकाश बर्ष =9.46 ×10^15 मीटर
प्रकाश वर्ष खगोलीय दूरी का वह इकाई है, जो की 1 साल में प्रकाश द्वारा तय किया गया दुरी के बराबर है।
300,000 * 60 सेकंड * 60 मिनट * 24 घंटा * 365 दिन = 9,460,800,000,000,000 मीटर की दुरी
3)1 पारसेक =3.084×10^16 मीटर=3.26 प्रकाश बर्ष
4)1 इंच=2.54 सेमी(cm)
5)1 यार्ड =3 फीट(feet)
6)1फीट=0.3048 मीटर(m)
7)1 मील=1.60934 किमी km
8)1 नॅाटिकल मील =1.852 किमी=1852 मीटर =1.15 मील
9)1 हेक्टेयर =10000 वर्ग मीटर square km
10)1 एकड =4047 वर्ग मीटर square metre
11)1 बिस्वा =1350 वर्गफीट square feet
12)1 वर्ग गज =0.83 वर्ग मीटर square metre
द्रव्यमान के मात्रक:-⚖️⚖️⚖️
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*1औंस =28.35 ग्रामgm
*1 पाउण्ड =16 औस
*1 किग्रा kg = 1000ग्राम =2.205 पौण्ड
*1 क्विटल = 100 किग्राkg
*1 किग्रा = 1000 ग्राम
*1 मीट्रिक टन = 10 क्विंटल k
*1 कैरेट = 205.3 मिलीग्राम mg
*1 ए एम यू a. m. u = 1.66×10^(-27)किग्रा
*1ग्रेन = 64.8 मिग्रा mg
*1औंस =28.35 ग्रामgm
*1 पाउण्ड =16 औस
*1 किग्रा kg = 1000ग्राम =2.205 पौण्ड
*1 क्विटल = 100 किग्राkg
*1 किग्रा = 1000 ग्राम
*1 मीट्रिक टन = 10 क्विंटल k
*1 कैरेट = 205.3 मिलीग्राम mg
*1 ए एम यू a. m. u = 1.66×10^(-27)किग्रा
*1ग्रेन = 64.8 मिग्रा mg
समय के मात्रक :-🕜🕜🕜🕜
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:-1 वर्ष = 365 दिन
(Earth की दैनिक गति की वजह से ही दिन और रात होते हैं. Earth अपने अक्ष पर घूमने के साथ-साथ सूर्य के चारों ओर परिक्रमा करती है जिसे वार्षिक गति कहते हैं. पृथ्वी सूर्य की एक परिक्रमा 365 दिन 6 घंटे 48 मिनट और 45.51 सेकेंड में पूरा करती है.)
:-1अधिवर्ष = 366 दिन
पृथ्वी को सूर्य का एक चक्कर लगाने में 365.242 दिन लगते हैं अर्थात एक कैलेंडर वर्ष से चौथाई दिन अधिक। अतः प्रत्येक चौथे वर्ष कैलेंडर में एक दिन अतिरिक्त जोड़ना पड़ता है। इस बढ़े दिन वाले साल को लीप वर्ष या अधिवर्ष कहते हैं।
:-1 सोरमास =30 या 31 दिन
:-1 चन्द्रमास =27.3 दिन
एक चन्द्रमास वो समय है जो एक पूर्ण चन्द्र से उसके अगले पूर्ण चन्द्र तक के बीच होता है। अलग अलग पंचांगों के लिए यह अलग-अलग है। सामान्यतः यह 29 दिन 12 घंटे और 44 मिनट के आस पास होता है। .
:-1 पिको सेकण्ड =10^(-12)सेकण्ड
:-1 कास्मिक वर्ष =25 करोड वर्ष
कुछ प्रमुख प्रतियोगी परिक्षाओ में मापन से पूछे गये महत्वपूर्ण प्रश्न:-😎😎😎😎😎
⬇️⬇️⬇️⬇️⬇️⬇️⬇️⬇️⬇️
⚫मीट्रिक टन में 10 क्विटल होते है।
⚫1 पिको सेकण्ड =10^(-12) सेकण्ड होते है।
⚫1 पाउण्ड में 0.4536किलोग्राम होते है।
⚫चन्द्रशेखर सीम( shekhar limit) का प्रयोग तारों का द्रव्यमान प्रदर्शित करने में किया जाता है।
⚫1 डिग्री 60 मिनट के बराबर होता है।
आपेक्षिक घनत्व =(पदार्थ का घनत्व )/█(4 डिग्री सेल्सियस पर जल का घनत्व @)
⚫अमीटर का प्रयोग विधुतधारा की तीव्रता नापने वाला यंत्र है।
⚫अल्टीमीटर का प्रयोग उडते हुए विमान की ऊँचाई नापने का यंत्र है।
⚫एक्टिनोमीटर का प्रयोग सूर्य किरणों की तीव्रता मापने की यंत्र है।
⚫टेप रिकोर्डर की टेप पर फेरोमैग्निटिक चूर्ण का लेप किया जाताहै।
⚫घडी में स्फटिक क्रिस्टल का कार्य दाब विद्युत प्रभाव पर आधारित होता है।
⚫सिनेमैटोग्राफ द्रष्टिबंधन के सिद्धांत पर कार्य करता है।
⚫टेलीविजन का आविस्कार जे एल वेयर्ड ने किया था।
⚫लेजर का आविष्कार थियोडर मेमैन ने किया था।
⚫रिवाल्वर का आविष्कार सैमुअल कोल्ट ने किया था।
⚫रेडार की खोज राबर्ट वाटसन वाट ने की थी।
⚫फैदोमीटर उपकण समुद्र की गहराई मापने वाला यंत्र है।
⚫हाइड्रोमीटर का प्रयोग द्रवों का आपेक्षिक घनत्व मापता है।
⚫राष्ट्रिय भौतिक प्रयोगशाला नई दिल्ली मे स्थित है।
⚫मैनोमीटर गैसो का दाब मापने वाला यंत्र है।
⚫प्रकाश के प्रकीर्णन का नियम सी वी रमन ने प्रतिपादित किया था।
⚫राष्ट्रिय विज्ञान दिवस 28 फरवरी को मनाया जाता है।
⚫श्यानता की इकाई प्वाइज होती है
⚫1 बैरल मे 159 लीटर होते है।
⚫सूर्य से प्रथ्वी की दूरी लगभग 14.95 करोड किमी(149cr km) होती है।
⚫1 किलोमीटर (1km = 10lakh)मे दश लाख मिली मीटर होते है।
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:-1 वर्ष = 365 दिन
(Earth की दैनिक गति की वजह से ही दिन और रात होते हैं. Earth अपने अक्ष पर घूमने के साथ-साथ सूर्य के चारों ओर परिक्रमा करती है जिसे वार्षिक गति कहते हैं. पृथ्वी सूर्य की एक परिक्रमा 365 दिन 6 घंटे 48 मिनट और 45.51 सेकेंड में पूरा करती है.)
:-1अधिवर्ष = 366 दिन
पृथ्वी को सूर्य का एक चक्कर लगाने में 365.242 दिन लगते हैं अर्थात एक कैलेंडर वर्ष से चौथाई दिन अधिक। अतः प्रत्येक चौथे वर्ष कैलेंडर में एक दिन अतिरिक्त जोड़ना पड़ता है। इस बढ़े दिन वाले साल को लीप वर्ष या अधिवर्ष कहते हैं।
:-1 सोरमास =30 या 31 दिन
:-1 चन्द्रमास =27.3 दिन
एक चन्द्रमास वो समय है जो एक पूर्ण चन्द्र से उसके अगले पूर्ण चन्द्र तक के बीच होता है। अलग अलग पंचांगों के लिए यह अलग-अलग है। सामान्यतः यह 29 दिन 12 घंटे और 44 मिनट के आस पास होता है। .
:-1 पिको सेकण्ड =10^(-12)सेकण्ड
:-1 कास्मिक वर्ष =25 करोड वर्ष
कुछ प्रमुख प्रतियोगी परिक्षाओ में मापन से पूछे गये महत्वपूर्ण प्रश्न:-😎😎😎😎😎
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⚫मीट्रिक टन में 10 क्विटल होते है।
⚫1 पिको सेकण्ड =10^(-12) सेकण्ड होते है।
⚫1 पाउण्ड में 0.4536किलोग्राम होते है।
⚫चन्द्रशेखर सीम( shekhar limit) का प्रयोग तारों का द्रव्यमान प्रदर्शित करने में किया जाता है।
⚫1 डिग्री 60 मिनट के बराबर होता है।
आपेक्षिक घनत्व =(पदार्थ का घनत्व )/█(4 डिग्री सेल्सियस पर जल का घनत्व @)
⚫अमीटर का प्रयोग विधुतधारा की तीव्रता नापने वाला यंत्र है।
⚫अल्टीमीटर का प्रयोग उडते हुए विमान की ऊँचाई नापने का यंत्र है।
⚫एक्टिनोमीटर का प्रयोग सूर्य किरणों की तीव्रता मापने की यंत्र है।
⚫टेप रिकोर्डर की टेप पर फेरोमैग्निटिक चूर्ण का लेप किया जाताहै।
⚫घडी में स्फटिक क्रिस्टल का कार्य दाब विद्युत प्रभाव पर आधारित होता है।
⚫सिनेमैटोग्राफ द्रष्टिबंधन के सिद्धांत पर कार्य करता है।
⚫टेलीविजन का आविस्कार जे एल वेयर्ड ने किया था।
⚫लेजर का आविष्कार थियोडर मेमैन ने किया था।
⚫रिवाल्वर का आविष्कार सैमुअल कोल्ट ने किया था।
⚫रेडार की खोज राबर्ट वाटसन वाट ने की थी।
⚫फैदोमीटर उपकण समुद्र की गहराई मापने वाला यंत्र है।
⚫हाइड्रोमीटर का प्रयोग द्रवों का आपेक्षिक घनत्व मापता है।
⚫राष्ट्रिय भौतिक प्रयोगशाला नई दिल्ली मे स्थित है।
⚫मैनोमीटर गैसो का दाब मापने वाला यंत्र है।
⚫प्रकाश के प्रकीर्णन का नियम सी वी रमन ने प्रतिपादित किया था।
⚫राष्ट्रिय विज्ञान दिवस 28 फरवरी को मनाया जाता है।
⚫श्यानता की इकाई प्वाइज होती है
⚫1 बैरल मे 159 लीटर होते है।
⚫सूर्य से प्रथ्वी की दूरी लगभग 14.95 करोड किमी(149cr km) होती है।
⚫1 किलोमीटर (1km = 10lakh)मे दश लाख मिली मीटर होते है।
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