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ब्लैक होल(black Hole) ,न्यूट्रॉन स्टार (Netron Star)

 ब्लैक होल(Black Hole)

  ब्लैक होल(Black Hole)


ब्लैक होल(black hole) को हिन्दी में कृष्ण विवर कहते हैं। ब्लैक होल स्पेस (space) वह स्थान है जहां भौतिक विज्ञान का कोई भी नियम (rules) काम नहीं करता। इसका गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र इतना शक्तिशाली होता है कि इसके खिंचाव से कुछ भी नहीं बच सकता। यहां तक कि प्रकाश भी यहां प्रवेश करने के बाद बाहर नहीं निकल पाता है
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यह अपने ऊपर पड़ने वाले सारे प्रकाश को अवशोषित कर लेता है।ब्लैक होल इस ब्रह्मांड में मौजूद ज्ञात सबसे ज्यादा घनत्व वाली चीज़ है जिसकी density (घनत्व) अनंत होती हैं।

वेबसाइट के बारे में:-
                          आपका इस वेबसाइट पर स्वागत 🙏🙏🙏🙏🙏🙏है इस पोस्ट में आप ब्लैक होल से संबंधित जानकारी पाएंगे,आपकी जानकारी के लिए बताना चाहूंगा कि purijaankarifree.blogspot.com नए आर्टिकल पोस्ट किए जाते हैं इसलिए आप रोज इस वेबसाइट पर आते रहे हैं जिससे आप कोई भी महत्वपूर्ण टॉपिक ना छूटे
हम इस पोस्ट में ब्लैक होल संबधित लगभग सभी टॉपिक्स को कवर किया गया है जो आपको प्रतियोगिता में अच्छे मार्क्स लाने में मदद करेंगे
अगर आपको कोई भी सुझाव देना चाहते हैं तो आप कमेंट बॉक्स में अपने मैसेज डाल सकते हैं हम आपके मैसेज का रिप्लाई 24 घंटे के में  दे देंगे


जारी रखें:- 
अरबों अरबों kg द्रवमान एक छोटे से बिंदु में समाहित हो जाता हैं अरबों अरबों kg mass एक छोटे से बिंदु में समाहित हो जाता हैं
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ब्लैक होल(black hole) के बारे में जर्मन वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन भी बता चुके हैं कि किसी भी चीज़ का गुरुत्वाकर्षण स्पेस(space) को उसके आसपास लपेट देता है और उसे घुमाव (वक्र) जैसा है
पृथ्‍वी(Earth🌍) के काफी करीब कोई ब्लैक होल नहीं हैं जो सीधे हमें प्रभावित कर सके. पृथ्वी के सबसे नज़दीकी ब्लैक होल का नाम 'V616 मोनोसेरोटिस' है. इसे A0620-00 के रूप में भी जाना जाता है. यह ब्लैक होल हमारे सूर्य से 6.6 गुना ज्यादा भारी है.
यदि हमारा ग्रह इस सुपरमैसिव ब्लैक होल के लगभग 800,000 किलोमीटर (3.7 प्रकाश सेकंड) के भीतर पहुंच जाता है तो यह अलग हो जाएगा. लेकिन ऐसा होने की संभावना नहीं है और निश्चित रूप से आपके जीवनकाल में नहीं है क्योंकि V616 मोनोक्रोटिस लगभग 3,300 प्रकाश वर्ष दूर है

ब्लैक होल क्या है?

ब्लैक होल स्पेस में वह जगह है जहां भौतिक का कोई नियम काम नहीं करता। मतलब समय और स्थान का कोई मतलब नहीं है। यहां बस गुरुत्वाकर्षण और अंधकार है। इसका गुरुत्वाकर्षण इतना शक्तिशाली होता है कि जिसकी आप कल्पना नहीं कर सकते हैं। इसके खिंचाव से यह प्रकाश को भी अवशोषित कर लेता है। मतलब यह कि इसमें जो भी डाला, वह बाहर नहीं निकलेगा।

यदि आप ब्लैक होल में चले जाएं तो क्या होगा? 
इस विषय में वैज्ञानिक का एक मत नही हैं लेकिन संभात यह हो सकता है कि आप किसी दूसरे ग्रह पर जीवन की तलाश में निकले हों या फिर अंतरिक्ष यान से बाहर निकले हों और तभी ब्लैक होल की चपेट में आ जाएं और उसमें गिर जाएं। ऐसे में आपके साथ क्या होगा, इसकी कई संभावनाएं हैं। की आप की पूरी शरीर के खत्म हो जाये ।

ब्लैक होल रोचक तथ्य (Intresting Fact About black hole)

💠.ब्लैक होल के बाहर प्रकाश का जाना नामुनकिन है. क्योंकि ब्लैक होल में अपार घनत्व के कारण और सीमित गुरुत्वाकर्षण बल होता है. और इस इनफिनिट ग्रेविटेशनल फोर्स के कारण ब्लैक होल के बाहर रोशनी भी नहीं जा सकती है.        
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💠इतने शक्तिशाली गुरुत्वाकर्षण और अपार घनत्व के कारण ब्लैक होल के इवेंट होराइजन में समय का भी प्रभाव कम हो जाता है. और इस स्थिति में जैसे-जैसे ब्लैक होल के केंद्र के नजदीक जाते हैं वैसे-वैसे समय बहुत धीमा हो जाता है. और ब्लैक होल के केंद्र में तो समय का कोई अस्तित्व ही नहीं है.

💠ब्लैक होल में जो कोई भी किसान कितना है. उसकी मौत बहुत अजीबोगरीब ढंग से होती है. अजीबोगरीब यानी यह एक भयानक और वोमन उत्पन्न करने वाला दृश्य होगा. अगर आप ब्लैकहोल की चपेट में आ गए हों तो आपके साथ दो बातें हो सकती हैं. या तो आप तुरंत ही जलकर राख हो जाएंगे या फिर आप बिना किसी नुकसान झेले ब्लैक होल में फंस जाएंगे.

💠इवेंट होराइजन यानी कि ब्लैक होल के गुरुत्वाकर्षण की  सीमा के अंदर जाते ही किसी भी अवकाशीय पिंड को ब्लैक होल का शक्तिशाली गुरुत्वाकर्षण बल खींच लेगा. सिर्फ इतना ही नहीं कोई आदमी अगर इवेंट होराइजन के आस-पास भी जाए तो भी उसका शरीर खिंचाव के कारण लंबा चौड़ा और विकृत तरीके से असाधारण हो जाएगा. और इस परिस्थिति में भी उसकी मौत जरुर हो जाएगी.




💠हमारी पृथ्वी से सबसे नजदीकी ब्लैक होल 1600 प्रकाश वर्ष की दूरी पर है. लेकिन इस ब्लैक होल का हमारी पृथ्वी का सौर मंडल पर कोई प्रभाव नहीं होता है. क्योंकि यह एक बी ग्रेड का ब्लैक होल है. और उसका गुरुत्वीय प्रभाव यहां तक नहीं पहुंचता.

💠हमारी गैलेक्सी मिल्की वे के केंद्र में एक विशालकाय ब्लैक होल है. वह ब्लैक होल हमारे सूर्य मंडल से 30 लाख प्रकाश वर्ष की दूरी पर है. और हमारे सूरत से लगभग 30 लाख गुना बड़ा है. तो आप ही अंदाजा लगाइए की उसका ग्रेविटेशनल फोर्स उसकी सीमाएं और उसका इवेंट होराइजन कहां तक फैला होगा.⬇️⬇️⬇️⬇️⬇️⬇️⬇️⬇️⬇️⬇️⬇️⬇️

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💠ब्लैक होल विकिरण बाहर छोड़ते रहते हैं. वैसे तो ब्लैक होल से किसी भी चीज का बचकर जाना बहुत मुश्किल है. लेकिन यह एक ही चीज है. जो ब्लैक होल से बाहर निकल सकती है. वह उसके विकिरण वैज्ञानिकों के अनुसार जैसे जैसे ब्लैक होल अपना विकिरण बाहर छोड़ता रहता है. वैसे वैसे वह आपना द्रव्यमान खो देता है. और इसी एक प्रक्रिया के कारण अंत में ब्लॉक खोल की मौत होगी और इसी एक प्रक्रिया के कारण अंत में ब्लॉक खोल की मौत होगी.

💠ब्लैक होल विनाशकारी नहीं होते हैं. ब्लैक होल सिर्फ अपने गुरुत्वाकर्षण बल के चेहरे में आने वाले चीजों पर ही अपना प्रभाव डालते हैं. गुरुत्वीय लहरी के बाहर की चीजों पर उसका प्रभाव नहीं होता है. कुछ वैज्ञानिकों के अनुसार ब्लैक होल बहुत ज्यादा ऊर्जा पा सकते हैं. लेकिन यह इतना आसान नहीं है. लेकिन वह इतना आसान नहीं है.


💠अगर आप यह सोच रहे हैं. कि दो ब्लैक होल अगर अगर आ जाए तो क्या होगा लेकिन अगर दो ब्लैक होल टकरा जाते हैं. तो वह दोनों अपने अपने गुरुत्वाकर्षण बल से अपनी अपनी ओर खींच आएंगे और जिससे उन दोनों का गुरुत्वाकर्षण बल एक समान हो जाएगा और दोनों मिलकर एक बड़े ब्लैक होल का निर्माण कर देंगे.

💠.कई बार ब्लैक होल में शोर भी होता है. जब कोई बड़ा आकाशीय पिंड ब्लैक होल के इवेंट होराइजन में चला जाता है. तो उसके सारे अणु बिखर जाते हैं. और वह प्रकाश की गति से ब्लैक होल के केंद्र की ओर गिरते हैं. जिससे शोर पैदा होता है. लेकिन उसे भी ब्लैक होल बाहर नहीं जाने देता और अपनी ओर खींच लेता है.⬇️⬇️⬇️⬇️⬇️⬇️⬇️⬇️⬇️
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💠ब्लैक होल के अंदर कोई भी भौतिक विज्ञान नियम काम नहीं करता है. क्योंकि इतने शक्तिशाली गुरुत्वाकर्षण के बल से वह किसी भी चीज को खत्म कर सकता है. इसलिए वहां पर समय और अंतरिक्ष की चीजों का बिल्कुल भी अस्तित्व नहीं है. किसी भी तरह की वस्तु अगर वहां पर जाती है. तो वह खत्म हो जाती है.

💠जब कोई विशाल तारा अपने अंत की ओर पहुंचता है. तो वह अपने ही भीतर सिमटने लगता है. धीरे धीरे वह भारी भरकम ब्लैक होल बन जाता है. और सब कुछ अपने में समेटने लगता है.

💠ब्लैक होल को उर्जा(eneargy) उसके द्रव्यमान(mass) नहीं मिलती है. बल्कि उनके आकार से मिलती है यह बात बिल्कुल सच है. कि ब्लैक होल का द्रव्यमान बहुत ज्यादा होता है. लेकिन उसके आकार के कारण है. कई बड़े आकाशीय पिंडों को इकट्ठा(collect) किया जाए तो उनका घनत्व आपस में सिकुड़कर(सिंक) सिर्फ एक बिंदु समान अवस्था में Compress हो जाता है. इतने छोटे से आकार में इतना सारा घनत्व होने के कारण उसको इतना ज्यादा शक्तिशाली गुरुत्वाकर्षण बल(force) प्राप्त होता है.

💠 किसी भी चीज़ का गुरुत्वाकर्षण स्पेस को उसके आसपास लपेट देता है. और उसे कर्व जैसा आकार दे देता है.

ब्लैक होल के बारे में कई रिसर्च किए गए हैं. और ब्लैक होल्स के कई रहस्यों को आज के समय के विज्ञान ने दुनिया के सामने रखा है हमारे कई वैज्ञानिक लगातार इसका रिसर्च(resarch) कर रहे हैं.



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